कोई भूस्थैतिक उपग्रह किसी स्वेच्छ ग्रह ' $P$ ' के पष्ठ से $11 R$ की ऊँचाई, यहाँ $R$ ग्रह $P$ की त्रिज्या है, पर कक्षा में ग्रह $P$ की परिक्रमा कर रहा है। ग्रह $P$ के पष्ठ से $2 R$ की ऊँचाई पर, कक्षा में ग्रह $P$ की परिक्रमा करने वाले, किसी अन्य उपग्रह का घन्टों में आवर्तकाल होगा $......\,P$ का आवर्तकाल $24$ घंटे है।

  • [JEE MAIN 2021]
  • A

    $6 \sqrt{2}$

  • B

    $\frac{6}{\sqrt{2}}$

  • C

    $3$

  • D

    $5$

Similar Questions

पृथ्वी के परितः घूमने वाले एक सेटेलाइट के आवर्तकाल में आपेक्षिक अनिश्चितता $10^{-2}$ है। यदि कक्षा की त्रिज्या में आपेक्षिक अनिश्चितता नगण्य हो तो पृथ्वी के द्रव्यमान में आपेक्षिक अनिश्चितता होगी

  • [JEE MAIN 2018]

केप्लर के तृतीय नियम के अनुसार, सूर्य की परिक्रमा करते हुए किसी ग्रह का परिक्रमण काल $(T)$ सूर्य और उस ग्रह के बीच की औसत दुरी $r$ की तर्तीय घात के समानुपाती होता है।

अर्थात $T^2=K r^3$

जहाँ, $K$ एक स्थिरांक है

यदि सूर्य तथा ग्रह के द्रव्यमान क्रमश: $M$ तथा $m$ है तो न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार इसके बीच गुरुत्वाकर्षण बल का मान $F =G M \frac{m}{r^2}$, होता है। जहाँ $G$ गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है, तो $G$ तथा $K$ के बीच संबंध है

  • [AIPMT 2015]

एक पुच्छल तारे की सूर्य से अधिकतम एवं न्यूनतम दूरियाँ क्रमश: $8 \times {10^{12}}$ मीटर एवं $1.6 \times {10^{12}}$ मीटर हैं। जब यह सूर्य के नजदीक है तब इसका वेग $60$ मीटर/सैकण्ड है। जब यह अधिकतम दूरी पर है तब इसका वेग मीटर/सैकण्ड में होगा

एक उपग्रह $R$ त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में एक दिन में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है। एक अन्य उपग्रह वृत्तीय कक्षा में $8$ दिन में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है। द्वितीय उपग्रह की कक्षा की त्रिज्या होगी

केन्द्र से $r$ त्रिज्या की दूरी पर चक्कर लगा रहे उपग्रह का कोणीय संवेग $L$ है। यदि उपग्रह की दूरी $r$ से बढ़ाकर $16 r$ कर दी जाये तो इसका कोणीय संवेग हो जायेगा